बैलेंस शीट (Balance Sheet) एक वित्तीय विवरण (Financial Statement) है जो किसी कंपनी या व्यवसाय की वित्तीय स्थिति (Financial Position) को एक निश्चित समय पर दर्शाता है। इसे “तुलन पत्र” भी कहा जाता है। बैलेंस शीट में कंपनी की संपत्ति (Assets), देनदारियां (Liabilities), और पूंजी (Equity) का विवरण होता है।
आइए इसे सरल भाषा में समझते हैं:
बैलेंस शीट क्या है?
बैलेंस शीट एक ऐसा दस्तावेज़ है जो यह बताता है कि कंपनी के पास क्या-क्या है (संपत्ति), उस पर क्या देनदारियां हैं (Liabilities), और मालिकों या शेयरधारकों की पूंजी (Equity) कितनी है। यह कंपनी की वित्तीय सेहत (Financial Health) को दर्शाता है।
बैलेंस शीट का मुख्य सूत्र:
बैलेंस शीट का मुख्य सूत्र है:
संपत्ति (Assets) = देनदारियां (Liabilities) + पूंजी (Equity)
इसका मतलब है कि कंपनी की सभी संपत्तियों का मूल्य उसकी देनदारियों और मालिकों की पूंजी के योग के बराबर होता है।
बैलेंस शीट के मुख्य घटक (Components):
बैलेंस शीट को तीन मुख्य भागों में बांटा जाता है:
- संपत्ति (Assets):
यह कंपनी के पास मौजूद सभी संसाधन (Resources) हैं जिनसे भविष्य में आर्थिक लाभ (Economic Benefits) प्राप्त होने की उम्मीद होती है।
संपत्ति को दो भागों में बांटा जाता है:
- चालू संपत्ति (Current Assets): ये वे संपत्तियां हैं जिन्हें 1 साल के अंदर नकद में बदला जा सकता है, जैसे नकद, स्टॉक, देनदार (Debtors)।
- गैर-चालू संपत्ति (Non-Current Assets): ये वे संपत्तियां हैं जिन्हें 1 साल से अधिक समय तक रखा जाता है, जैसे मशीनरी, इमारतें, पेटेंट।
- देनदारियां (Liabilities):
यह कंपनी पर बकाया (Outstanding) ऋण या भुगतान हैं जिन्हें भविष्य में चुकाना होता है।
देनदारियों को दो भागों में बांटा जाता है:
- चालू देनदारियां (Current Liabilities): ये वे देनदारियां हैं जिन्हें 1 साल के अंदर चुकाना होता है, जैसे क्रेडिटर्स (Creditors), शॉर्ट-टर्म लोन।
- गैर-चालू देनदारियां (Non-Current Liabilities): ये वे देनदारियां हैं जिन्हें 1 साल से अधिक समय में चुकाना होता है, जैसे लॉन्ग-टर्म लोन।
- पूंजी (Equity):
यह कंपनी के मालिकों या शेयरधारकों की पूंजी होती है। इसमें शेयर कैपिटल (Share Capital), रिजर्व (Reserves), और बचत (Retained Earnings) शामिल होते हैं।
बैलेंस शीट का उदाहरण:
संपत्ति (Assets) | राशि (Amount) | देनदारियां और पूंजी (Liabilities & Equity) | राशि (Amount) |
---|---|---|---|
चालू संपत्ति | चालू देनदारियां | ||
– नकद (Cash) | ₹50,000 | – क्रेडिटर्स (Creditors) | ₹30,000 |
– स्टॉक (Stock) | ₹1,00,000 | – शॉर्ट-टर्म लोन (Short-term Loan) | ₹20,000 |
– देनदार (Debtors) | ₹40,000 | ||
गैर-चालू संपत्ति | गैर-चालू देनदारियां | ||
– मशीनरी (Machinery) | ₹2,00,000 | – लॉन्ग-टर्म लोन (Long-term Loan) | ₹1,00,000 |
– इमारत (Building) | ₹3,00,000 | ||
पूंजी (Equity) | |||
– शेयर कैपिटल (Share Capital) | ₹4,00,000 | ||
– रिजर्व (Reserves) | ₹1,40,000 | ||
कुल संपत्ति (Total Assets) | ₹6,90,000 | कुल देनदारियां और पूंजी (Total Liabilities & Equity) | ₹6,90,000 |
बैलेंस शीट का महत्व:
- वित्तीय स्थिति का आकलन: यह कंपनी की वित्तीय स्थिति को दर्शाता है।
- निवेशकों के लिए जानकारी: निवेशक बैलेंस शीट के माध्यम से कंपनी की वित्तीय सेहत को समझते हैं।
- ऋणदाताओं के लिए जानकारी: बैंक और ऋणदाता कंपनी की देनदारियों और संपत्तियों को देखकर ऋण देने का निर्णय लेते हैं।
- कर और कानूनी अनुपालन: बैलेंस शीट कर और कानूनी आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करता है।
निष्कर्ष:
बैलेंस शीट एक महत्वपूर्ण वित्तीय दस्तावेज़ है जो कंपनी की संपत्ति, देनदारियां और पूंजी को दर्शाता है। यह कंपनी की वित्तीय स्थिति को समझने और भविष्य के निर्णय लेने में मदद करता है। इसे समझकर आप कंपनी की वित्तीय सेहत का सही आकलन कर सकते हैं।