रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म क्या है? (What is Reverse Charge Mechanism?)

जीएसटी में रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म (Reverse Charge Mechanism in GST)
जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) में रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म (RCM) एक महत्वपूर्ण प्रावधान है, जो कर संग्रह की प्रक्रिया को पलट देता है। सामान्यतः, विक्रेता (Supplier) जीएसटी चार्ज करता है और सरकार को जमा करता है, लेकिन RCM के तहत कर का भुगतान करने की जिम्मेदारी खरीदार (Recipient) पर आ जाती है। यह प्रावधान विशेष रूप से छोटे व्यवसायों, अनियंत्रित विक्रेताओं और कुछ विशिष्ट सेवाओं के लिए लागू होता है।

आइए, इसे विस्तार से समझते हैं और जीएसटी अधिनियम के प्रासंगिक सेक्शन (Sections) के साथ जानकारी प्राप्त करते हैं।


1. रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म क्या है? (What is Reverse Charge Mechanism?)

  • सामान्य प्रक्रिया: सामान्यतः, विक्रेता (Supplier) जीएसटी चार्ज करता है और इसे सरकार को जमा करता है।
  • रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म: RCM के तहत, कर का भुगतान करने की जिम्मेदारी खरीदार (Recipient) पर होती है। यानी, खरीदार को सीधे सरकार को जीएसटी जमा करना होता है।
  • उद्देश्य: यह प्रावधान कर चोरी को रोकने, अनियंत्रित विक्रेताओं (Unregistered Suppliers) पर नजर रखने और कर संग्रह को प्रभावी बनाने के लिए लागू किया गया है।

2. रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म के प्रकार (Types of Reverse Charge Mechanism)

RCM दो प्रकार का होता है:

a) सामान्य रिवर्स चार्ज (Normal Reverse Charge)

  • यह तब लागू होता है जब विक्रेता जीएसटी के तहत पंजीकृत (Registered) नहीं होता है।
  • उदाहरण: यदि कोई अनियंत्रित विक्रेता (Unregistered Supplier) किसी पंजीकृत व्यक्ति को सामान बेचता है, तो खरीदार को RCM के तहत जीएसटी जमा करना होगा।

b) नोटिफाइड रिवर्स चार्ज (Notified Reverse Charge)

  • केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा अधिसूचित (Notified) कुछ विशिष्ट वस्तुओं और सेवाओं के लिए RCM लागू होता है।
  • उदाहरण: गुटखा, तंबाकू, कच्चा कपास, कानूनी सेवाएं, आदि।

3. रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म के लिए प्रासंगिक सेक्शन (Relevant Sections for RCM)

जीएसटी अधिनियम में RCM से संबंधित प्रमुख सेक्शन निम्नलिखित हैं:

a) सेक्शन 9(3) और 9(4) (Section 9(3) and 9(4))

  • सेक्शन 9(3): यह सेक्शन केंद्र सरकार को अधिसूचना (Notification) जारी करके विशिष्ट वस्तुओं और सेवाओं पर RCM लागू करने का अधिकार देता है।
  • सेक्शन 9(4): यह सेक्शन अनियंत्रित विक्रेताओं (Unregistered Suppliers) से खरीदारी करने पर RCM लागू करता है।

b) सेक्शन 5(3) और 5(4) (Section 5(3) and 5(4))

  • ये सेक्शन इंटीग्रेटेड जीएसटी (IGST) अधिनियम में RCM के प्रावधानों को परिभाषित करते हैं।

c) सेक्शन 24 (Section 24)

  • यह सेक्शन उन व्यक्तियों को अनिवार्य रूप से जीएसटी पंजीकरण लेने के लिए बाध्य करता है, जो RCM के तहत कर का भुगतान करते हैं।

4. रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म के तहत कर भुगतान की प्रक्रिया (Process of Paying Tax under RCM)

  • चरण 1: खरीदार (Recipient) को RCM के तहत कर का भुगतान करना होगा।
  • चरण 2: खरीदार GSTR-3B रिटर्न में RCM के तहत चुकाए गए कर को दर्ज करेगा।
  • चरण 3: खरीदार इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का दावा कर सकता है, बशर्ते कि वह सभी शर्तों को पूरा करता हो।

5. रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म के उदाहरण (Examples of RCM)

  • उदाहरण 1: यदि कोई पंजीकृत व्यवसायी (Registered Business) एक अनियंत्रित विक्रेता (Unregistered Supplier) से ₹1,00,000 का सामान खरीदता है, तो खरीदार को RCM के तहत 18% जीएसटी (₹18,000) जमा करना होगा।
  • उदाहरण 2: यदि कोई कंपनी एक वकील (Lawyer) से कानूनी सेवाएं लेती है, तो RCM के तहत कंपनी को जीएसटी जमा करना होगा।

6. रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म के लाभ (Benefits of RCM)

  • कर चोरी को रोकता है।
  • अनियंत्रित विक्रेताओं (Unregistered Suppliers) पर नजर रखता है।
  • कर संग्रह को प्रभावी बनाता है।

7. रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म की चुनौतियां (Challenges of RCM)

  • खरीदार (Recipient) के लिए कर भुगतान की अतिरिक्त जिम्मेदारी।
  • ITC का दावा करने की प्रक्रिया जटिल हो सकती है।
  • छोटे व्यवसायों के लिए अनुपालन (Compliance) मुश्किल हो सकता है।

8. निष्कर्ष (Conclusion)

रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म (RCM) जीएसटी का एक महत्वपूर्ण प्रावधान है, जो कर संग्रह को प्रभावी बनाने और कर चोरी को रोकने में मदद करता है। हालांकि, इसे सही ढंग से लागू करने के लिए व्यवसायों को इसकी प्रक्रिया और अनुपालन आवश्यकताओं को समझना आवश्यक है। RCM के तहत कर भुगतान की जिम्मेदारी खरीदार पर होती है, इसलिए सही दस्तावेजीकरण और ITC का दावा करना महत्वपूर्ण है।

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